24-Jun-2023, Saturday
Sarve Bhavantu Sukhinaḥ
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जब हम 82 साल के अमिताभ बच्चन और 58 वर्ष के शाहरुख़ ख़ान को एवरेस्ट पाव भाजी के मसाले से बनाई गई भाजी के लिये स्लो मोशन में भागते देखते हैं तो, हमें एवरेस्ट पाव भाजी मसाला तो कहीं दिखाई नहीं देता.
लंदन: एक बच्चा जब वह टीवी स्क्रीन पर अजय देवगन को विमल पान मसाला का विज्ञापन करते देखता है तो अपने दादा से मासूम सा सवाल पूछ बैठता है, “दादा जी, ये सिंघम अंकल पान मसाला क्यों बेच रहे हैं?” उसके आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहता जब उसके फ़ेवरिट सिंघम अंकल कभी जोड़ों के दर्द की दवा बेचते दिखाई दे रहे हैं तो कभी पेट में गैस की गोलियों की तारीफ़ कर रहे हैं। बेचारा पोता परेशान है कि सिंघम अंकल के जोड़ों में दर्द रहता है; उनके पेट में गैस रहती है और वे खाते पान मसाला हैं – तो फिर अपराधियों से लड़ते कैसे होंगे… उनकी तो सेहत इतनी ख़राब है!
हम कभी सोच भी नहीं सकते थे कि राज कपूर, दिलीप कुमार, देव आनन्द, राज कुमार, मनोज कुमार, सुनील दत्त, जैसे सुपर स्टार समाचारपत्रों में नमक, तेल, गुटका आदि-आदि बेचते नज़र आएं। वैसे विनोद खन्ना सिंथॉल साबुन का विज्ञापन करते थे और राजेश खन्ना मैक्लीन्स टूथपेस्ट का। एक ज़माने में किशोर कुमार ब्रिलक्रीम की तारीफ़ करते थे तो जैकी श्रॉफ़ चारमिनार सिगरेट की। हमें याद है कि लक्स साबुन के विज्ञापनों में सिने-तारिकाएं निरंतर दिखाई देती थीं। चन्द महीनों के बाद तारिका बदल जाती थी। इसका कारण यही रहा होगा कि लक्स को ब्यूटी सोप कहा जाता था और समझाया जाता था कि यदि आपको सिने-तारिकाओं जैसा सुन्दर दिखना है तो लक्स साबुन इस्तेमाल करना होगा। जहां तक मुझे याद पड़ता है 1941 में लीला चिटनिस ने लक्स के विज्ञापन में भाग लिया था।
सिनेमा के बड़े सितारे अपने आपको विज्ञापन की दुनिया से दूर ही रखते थे। अभी टीवी घर-घर नहीं पहुंचा था। और सिनेमा के सितारों के बारे में एक रहस्य का आवरण बना रहता था। सितारे हमारे बेडरूम में नहीं घुसपैठ किया करते थे। मगर अपने शोध के दौरान मुझे कुछ पुराने विज्ञापन देखने का मौक़ा मिला जिसमें से एक में दिलीप कुमार का चेहरा एक अचार की बोतल पर दिखाई दिया तो एक एअरलाइन ने राज कपूर, बलराज साहनी और निरुपा राय के चेहरे का इस्तेमाल किया। मगर इन महान सितारों ने विज्ञापनों को कभी भी आय का माध्यम नहीं बनाया था।
विज्ञापन जगत के अपने अलग सितारे हुआ करते थे जो भिन्न उत्पादों का समर्थन करते दिखाई दे जाते थे। लिरिल साबुन का विज्ञापन करने वाली कैरन ल्युनेल पूरे देश में जाना पहचाना चेहरा बन गया था। बाद में वह एअर इंडिया में एअर होस्टेस बन गई। जैकी श्रॉफ़ और कबीर बेदी तो पहले विज्ञापन जगत के सितारे ही थे। उन्हें फ़िल्मों में तो बाद में काम मिलना शुरू हुआ।
एक सवाल यह भी दिमाग़ में आता है कि जो फ़िल्मी सितारे फ़िल्मों में काम करने के करोड़ों लेते हैं, वे विज्ञापनों में काम करने का कितना दाम वसूलते होंगे। और फिर जब किसी विज्ञापन में फ़िल्मी सितारे करोड़ों का चूना लगाते होंगे तो उस विज्ञापन का प्रॉडक्ट भी तो उतना ही महंगा हो जाता होगा। विज्ञापन का बजट भी तो उस प्रॉड्क्ट की कीमत में शामिल किया जाता होगा। विज्ञापनों में शामिल अन्य छोटे कलाकारों का बजट लगातार गिर रहा है जबकि फ़िल्म कलाकार अपने बैंक अकाउण्ट विज्ञापनों के माध्यम से भर रहे हैं। फ़िल्म कलाकार आपको कार, शैंपू, इंश्योरेंस, पान मसाला से लेकर सॉफ्ट ड्रिंक्स, टॉयलट साफ़ करने के क्लीनर तक बेचते दिखाई देंगे। बॉलीवुड अभिनेता और अभिनेत्री ऐसे विज्ञापनों में आपको टीवी से लेकर शहरों में लगे बिल बोर्ड्स तक पर नजर आते होंगे। इससे एक नुक्सान उनका अवश्य हुआ है। पहले के सितारों को लेकर जो एक रहस्यमयता बनी रहती थी वो अब सिरे से ग़ायब हो गई है। और तो कुछ नहीं ये सितारे उपहास का पात्र अवश्य बनते हैं चाहे अपने लिये नोट छापने में सफल हो जाते हों।
यह तो आप सबने ख़ुद ही महसूस किया होगा कि जब विज्ञापन आ रहे होते हैं तो हम टीवी की ओर ध्यान ही नहीं देते। यदि उन्हें फ़ास्ट फ़ॉर्वर्ड कर सकते हैं तो कर देते हैं। अब तो यूट्यूब भी बिना विज्ञापनों के कार्यक्रमों का विज्ञापन दे रही है। ऐसे में भला पान मसाला, तेल, शैंपू और कार आदि के निर्माताओं को इतनी भारी रक़म अदा करने से लाभ क्या होता होगा। जो लोग विज्ञापन देखते हैं उन्हें भी यह मालूम रहता है कि जो सितारे विज्ञापन कर रहे हैं वे स्वयं इन वस्तुओं का उपयोग नहीं करते होंगे। क्या आपने कभी सोचा है कि ये सितारे जो विज्ञापन करते हैं उसके लिये एक-एक दिन की शूटिंग के ये कितने पैसे चार्ज करते हैं? अमिताभ बच्चन का तो लगभग 500 करोड़ रुपये का विज्ञापनों का पोर्टफ़ोलियो है। ये सितारे कुछ ऐसे लोग हैं जिन्हें यह भी नहीं पता होगा कि इनके पास कितने पैसे हैं मगर और अधिक कमाने की लालसा कभी पूरी नहीं होती।
अमिताभ बच्चन, आमिर ख़ान, सलमान ख़ान, शाहरुख़ ख़ान, अजय देवगण, अक्षय कुमार, ऐश्वर्य राय, करीना कपूर, हृतिक रौशन, रणवीर सिंह जैसे कलाकार एक दिन की शूटिंग के तीन से दस करोड़ के बीच फ़ीस चार्ज करते हैं। महानगरों में तो शायद ही इनके विज्ञापन के कारण प्रॉडक्ट की बिक्री में कुछ ख़ास फ़र्क पड़ता होगा। हां शायद कस्बों और गाँव में आम आदमी सितारों से प्रभावित हो जाता होगा।
भला सोचिये क्या अक्षय कुमार अपने घर का टॉयलट ख़ुद साफ़ करता होगा! क्योंकि उसने ‘टॉयलट’ नाम की फ़िल्म बनाई है, इससे क्या उसे यह हक़ बनता है कि वह ऐसा अहसास बनाए कि टायलट की सफ़ाई भी स्वयं ही करता होगा। उसे टॉयलट क्लीनर का विज्ञापन करने का क्या हक़ बनता है?
बात यहीं नही रूकती है। फिल्म स्टार्स के अलावा भारत रत्न से सम्मानित क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर के सहित सभी क्रिकेटर किसी ना किसी ऐप और अन्य प्रोडक्ट का विज्ञापन करते हैं। इसमें कई ऐसे ऐप का विज्ञापन करते हैं, जिसमें क्रिकेट पर सट्टा लगाने वाले ऐप शामिल होते हैं। क्रिकेटर भी विज्ञापन का पसंदीदा चेहरा बनता है। ना केवल सचिन तेंदुलकर बल्कि बाकी क्रिकेटर भी कई तरह के विज्ञापन करते हैं और करोड़ों के अनुबंध करते हैं।
भारत रत्न से सम्मानित सचिन तेंदुलकर का विज्ञापन करना कितना उचित है? सभी को याद रखना चाहिए कि भारत रत्न देश का सबसे बड़ा सम्मान है और इसके साथ कई तरह की सुविधाएं मिलती हैं। इस तरह के विज्ञापन करने वाले क्रिकेटर और अन्य खिलाड़ियों को विज्ञापन करने पर प्रतिबंध लगाना चाहिए।
जब हम 82 साल के अमिताभ बच्चन और 58 वर्ष के शाहरुख़ ख़ान को एवरेस्ट पाव भाजी के मसाले से बनाई गई भाजी के लिये स्लो मोशन में भागते देखते हैं तो, हमें एवरेस्ट पाव भाजी मसाला तो कहीं दिखाई नहीं देता; बस अमिताभ बच्चन और शाहरुख़ ख़ान पर तरस अवश्य आता है कि भाई ये क्या कर रहे हो? एक सर्वे के अनुसार आमिर खान एक प्रोडक्ट एंडोर्स करने के लिए 11 करोड़ रुपए लेते हैं। वहीं शाहरुख खान एक ब्रांड से 9 करोड़ रुपए चार्ज करते हैं। रेट लिस्ट में अमिताभ बच्चन तीसरे नंबर पर हैं। वे एक ऐड के लिए 8 करोड़ रुपए लेते हैं। एक प्रमुख अखबार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, अक्षय कुमार -7 करोड़, सलमान खान -7 करोड़, विक्की कौशल – 3 करोड़, टाइगर श्रॉफ -2.5 करोड़, आयुष्मान खुराना- 2.25 करोड़, राजकुमार राव – 1.5 करोड़ रुपये लेते हैं।
इस सर्वे के अनुसार बॉलीवुड के उभरते नए चेहरों में विक्की कौशल टॉप पर हैं। इस बारे में ऐड गुरु प्रहलाद कक्कड़ के अनुसार, ”विक्की कौशल का शांत, शर्मीला और ज़मीनी स्वभाव है… इसने उसे ऐड इंडस्ट्री का सबसे चहेता चेहरा बना दिया है। वैसे तो कोई सितारा स्वयं नहीं बताएगा कि वह एक दिन काम करने के कितने करोड़ रुपये चार्ज करता है। मगर हम उन सितारों को यह बताना चाहेंगे कि जब वे दूध की मलाई चाट चुके होते हैं तो विज्ञापन के अन्य कलाकारों को पांच हज़ार से बीस हज़ार के बीच मेहनताना दिया जाता है। विज्ञापन निर्माता जितना बड़े सितारों के लिये बिछते जाते हैं उतना ही अन्य कलाकारों के प्रति निर्मम होते जाते हैं। यहां भी यदि किसी बड़े सितारे को महसूस होता है कि कोई अन्य छोटा कलाकार उन से बेहतर काम कर रहा है तो या तो उस कलाकार की छुट्टी हो जाती है या फिर विज्ञापन ही कैंसिल हो जाता है। लेखक लंदन निवासी वरिष्ठ साहित्यकार, कथा यूके के महासचिव और पुरवाई के संपादक हैं.