24-Jun-2023, Saturday
Sarve Bhavantu Sukhinaḥ
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राजनीतिक दलों को 70 फीसदी फंट अज्ञात स्त्रोतों से मिलता है। इसलिए पूरी जानकारी आम नागरिक के लिए उपलब्ध होनी चाहिए। भूटान, नेपाल, जर्मनी, फ्रांस, इटली, ब्राजील, बल्गेरिया, अमेरिका और जापान में ऐसा है।
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट सवैधानिक पीठ द्वारा राजनीतिक दलों को फंड के लिए शुरू किए गए इलेक्टोरल बांड को अवैध करार देने के बाद एडीआर ने एक रिपोर्ट पब्लिश की है। यह रिपोर्ट राजनीतिक दलों कोे विभिन्न स्त्रोतों से मिलने वाले फंड को लेकर निर्वाचन आयोग 19 नवंबर 2014 को राजनीतिक दलों के अध्यक्ष और महामंत्रियों को भेजे गए पत्र में सभी राजनीतिक दलों को उनकी आडिट रिपोर्ट का विवरण पेश करना अनिवार्य है। एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रीय दलों की वित्तीय वर्ष 2022—23 के आय और व्यय का आयकर का विश्लेषण निर्वाचन आयोग को भेजा है। नेशनल पार्टी में सबसे आगे भाजपा, कांग्रेस, बसपा, सीपीआई :एम:, आम आदमी पार्टी और नेशनल पीपुल्स पार्टी :एनपीईपी: हैं। राजनीतिक दलोंं को वार्षिक आडिट रिपोर्ट 31 अक्टूबर 2023 को जमा करनी थी। केवल सीपीआई :एम: ने आडिट रिपोर्ट 30 अक्टूबर को जमा की, जबकि आम आदमी पार्टी ने 5 दिन, बसपा ने 23 दिन, नेशनल पीपुल्स पार्टी ने 27 दिन, कांग्रेस ने 64 दिन और बीजेपी ने 72 दिन देर से जमा किया है। इसमें बताया गया कि छह नेशनल पार्टी ने 3076.882 करोड़ की आय घोषित की। इसमें बीजेपी ने सबसे अधिक 2060.844 करोड़ की आय घोषित की है, जो 76.73 फीसदी है। दूसरे स्थान पर कांग्रेस ने 452.375 करोड़ की आय घोषित की है, जो 14.70 प्रतिशत है। सबसे कम एनपीईपी 7.562 करोड़ की सबसे कम आय घोषित की है, जो सबसे कम 0.25 फीसदी है।
रिपोर्ट में बताया गया कि वित्तीय वर्ष के बीच बीजेपी की आय में 23.15 फीसदी की वृद्धि हुई है। एनपीईपी की आय में 15 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी हुई। आम आदमी पार्टी की आय में 91.23 की वृद्धि हुई। दूसरी तरफ, कांग्रेस की आय में 16.42 फीसद, सीपीआई :एम: की आये में 12.68 और बीएसपी की आय में 33.14 प्रतिशत की कमी हुई है। नेशनल पार्टियों ने आय के तीन स्त्रोतों में फंड के जरिए सबसे अधिक धन प्राप्त किया। बीजेपी ने 2120.0642 करोड़, कांग्रेस ने 268.3416 करोड़, आम आदमी पार्टी ने 84.3416 करोड़, सीपीआई :एम: ने 63.783 करोड़ और एनपीईपी ने 7.523 करोड़ धन हासिल किया। बीते वित्तीय वर्ष के दौरान कांग्रेस ने कूपन संग्रह के जरिये 125.7676 करोड़ की राशि जमा की, जो पार्टी की कुल आय का 27.80 फीसद रहा।
रिपोर्ट में खर्चों का विवरण देते हुए बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2022.23 के दौरान बीजेपी ने चुनाव एवं प्रचार प्रसार मेें 1092.1558 करोड़ खर्च किए और 191.4276 करोड़ प्रशासनिक तौर पर खर्च की घोषणा की। कांग्रेस ने प्रशासनिक और सामान्य तौर पर 235.839 करोड़ खर्च किए और चुनाव में 192. 556 करोड़ खर्च की घोषणा की। आम आदमी पार्टी ने प्रचार प्रसार में 58.829 करोड़ का खर्च किया और चुनाव पर 36.341 करोड़ का खर्चा दिखाया है। सीपीआई :एम: और बीएसपी ने प्रशासनिक और सामान्य कामकाज पर क्रमश: 55.596 करोड़ एवं 16.2779 करोड़ का खर्च दिखाया है। एनपीईपी ने 6.623 करोड़ का चुनावी खर्चा दिखाया है।
इसी वित्तीय वर्ष में आय का विवरण देते हुए तीन नेशनल पार्टियों ने चुनावी बांड के जरिये एकत्र. किए। इसमें बीजेपी 1294.1499 करोड़, कांग्रेस ने 171.02 करोड़ और आम आदमी पार्टी ने 45.45 करोड़ की आय दर्शायी है। सभी 6 दलों ने 1033.7197 करोड़ की आय स्वैच्छिक योगदान से हासिल की है। अन्य योगदान के जरिये 532.5424 करोड़ की आय दिखाई है। एडीआर के आरटीआई के आवेदन के जवाब में एसबीआई द्वारा साझा किए आंकडों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2022—23 के दौरान राजनीतिक पार्टियों ने 2797.3569 करोड़ के चुनावी बांड का भुनाया गया था। इसमें 54 फीसद की धन नेशनल पार्टियों ने चुनावी बांड भुनाया है। 6 में से 3 राजनीतिक दलों ने 1510.6199 करोड़ की राशि हासिल की है। इसमें बीजेपी ने 1294.1499 करोड़, कांग्रेस ने 171.02 करोड़ और आम आदमी पार्टी ने 45.45 करोड़ के बांड की घोषणा की है।
चुनावी बांड में फंड देने वाले की पहचान उजागर ना होने को देखते हुए वित्तीय वर्ष 2021—22 में 8 में 4 राजनीतिक दलों बीजेपी, कांग्रेस, एनसीपी और तृणमूल कांग्रेस ने 1811.9425 करोड़ का चुनावी बांड भुनाया था। निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध क्षेत्रीय दलों की आडिट रिपोर्ट से पता चलता है कि 2021—22 के दौरान डीएमके, बीजेडी, बीआरएस, वाआरएस—कांग्रेस, जेडीयू, सपा, आप, शिरोमणि अकाली दल, महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी और टीडीपी ने 852.88 करोड़ का चंदा चुनावी बांड से एकत्र करने की घोषणा की है। एडीआर ने कुछ सुझाव भी दिए हैं कि राजनीतिक दलों को 70 फीसदी फंट अज्ञात स्त्रोतों से मिलता है। इसलिए फंड देने वाले की पूरी जानकारी आम नागरिक के लिए उपलब्ध होनी चाहिए। भूटान, नेपाल, जर्मनी, फ्रांस, इटली, ब्राजील, बल्गेरिया, अमेरिका और जापान में ऐसा किया जाता है। निर्धारित तारीख तक आडिट रिपोर्ट जमा नहीं करने पर आयकर में छूट नहीं देनी चाहिए और देरी से आडिट रिपोर्ट जमा करने वाले राजनीतिक दलों की मान्यता रद कर देनी चाहिए।
राजनीतिक दलों को सूचना के अधिकार के तहत अपनी वित्त संबधी सभी जानकारी प्रदान करनी चाहिए। इससे राजनीतिक दलों, चुनावों और लोकतंत्र को मजबूती मिलेगी। साथ ही हमारा मानना है कि सभी राजनीतिक दलों और निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर इलेक्शन सहित सभी तरह के खर्चों का पाई पाई का विवरण होना चाहिए।