24-Jun-2023, Saturday
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PARIS OLYMPIC 2024
1887-1889 के बीच निर्मित एफिल टॉवर का कई बार नवीनीकरण हो चुका है. इस दौरान इसमें से निकले धातु को संरक्षित किया गया था. उस धातु का इस्तेमाल पेरिस 2024 खेलों के लिए तैयार किए गए मेडल में भी किया गया है
नई दिल्ली : खेलों में मेडल जीतना एक खिलाड़ी की जिंदगी बदल सकता है. हर एथलीट इसका सपना देखता है और इसी भावना के साथ इस साल पेरिस में हो रहे ओलंपिक खेलों में दुनियाभर से खिलाड़ी हिस्सा लेने पहुंचे हैं. पेरिस ओलंपिक 2024 के लिए खास तरीके से मेडल तैयार किए गए हैं. मार्टिन फोरकेड की अध्यक्षता में पेरिस 2024 एथलीट आयोग ने मेडलों को खास तरीके से तैयार करने पर मंथन किया. इसमें तय किया गया कि दुनियाभर में प्रसिद्ध एफिल टॉवर को ओलंपिक मेडलों से जोड़ा जाए.
यही कारण है कि प्रत्येक ओलंपिक और पैरालिंपिक मेडल को एफिल टॉवर से निकले मूल लोहे के टुकड़े से सजाया गया है. दरअसल, 1887-1889 के बीच निर्मित एफिल टॉवर का कई बार नवीनीकरण हो चुका है. इस दौरान इसमें से निकले धातु को संरक्षित किया गया था. अब उस धातु का इस्तेमाल पेरिस 2024 खेलों के लिए तैयार किए गए मेडल में भी किया गया है. इसके पीछे ओलंपिक आयोग की मंशा एफिल टॉवर और फ्रांसीसी इतिहास को खेलों से जोड़ने की है.
फ्रांस में पिछले ग्रीष्मकालीन खेलों के 100 साल बाद चैंपियनों की वापसी का जश्न मनाने के लिए मेडल असली गहनों के रूप में डिजाइन किए गए हैं. इसके लिए फ्रांसीसी जौहरी चौमेट की विशेषज्ञता का उपयोग किया गया है. एलवीएमएच ग्रुप की कंपनी ने ये मेडल तैयार किए हैं। अपनी विशेषज्ञता, सुंदरता और फ्रांसीसी शिल्प कौशल के अवतार के लिए विश्व प्रसिद्ध, चौमेट तीन प्रेरणाओं पर आधारित डिजाइन के साथ बेहतरीन गहनों की दुनिया में पदक लेकर आया है- हैक्सागन, रेडियंस और जेम सेटिंग. एफिल टॉवर और खेलों के मेडल को एक साथ लाने के लिए समान रूप से प्रतीकात्मक शिल्प की आवश्यकता थी. यही कारण है कि LVMH हाउस ऑफ़ चौमेट का चयन किया गया. मेडल को एफिल टॉवर से निकले लोहे के एक टुकड़े से सजाया गया है.
इसके अलावा मेडल के रिबन में भी खास रंगों का इस्तेमाल किया गया है. ओलंपिक और पैरालंपिक खेलों पेरिस 2024 के लिए मेडल रिबन को एफिल टॉवर जाली की तरह तैयार किया गया है. ओलंपिक मेडल का रिबन गहरे नीले रंग का है, जबकि पैरालंपिक मेडल का रिबन गहरे लाल रंग का है.
फोर्ब्स की रिपोर्ट के मुताबिक इस बार ओलंपिक में 529 ग्राम वजन का मेडल दिया जाना है. गोल्ड मेडल का लगभग 95.4 प्रतिशत हिस्सा वास्तव में चांदी (505 ग्राम) से बना है. इसमें सिर्फ 6 ग्राम शुद्ध सोना है और 18 ग्राम लोहा भी है. पेरिस ओलंपिक में दिए जाने वाले एक गोल्ड मेडल की कीमत 950 डॉलर (लगभग 80 हजार रुपये) है. शुद्ध सोने से बने मेडल आखिरी बार 1912 में दिए गए थे. यदि आज के समय में ऐसे मेडल तैयार किए जाते हैं तो एक मेडल की कीमत लगभग 35 लाख रुपये होगी.
सिल्वर मेडल का वजन 525 ग्राम है. इसमें 507 ग्राम चांदी और 18 ग्राम लोहा है. इसकी कीमत लगभग 486 डॉलर (लगभग 41 हजार रुपये) है. वहीं कांस्य पदक का वजन 455 ग्राम है. इसमें 415.15 ग्राम तांबा, 21.85 ग्राम जिंक और 18 ग्राम लोहा है. इसकी कीमत 13 डॉलर (लगभग 1100 रुपये) है.